किसानों की अज्ञानता और भेंड़चाल का फायदा उठाकर कदम कदम पर शोषण करता है बाजारवाद?

किसानों की अज्ञानता और भेंड़चाल का फायदा उठाकर कदम कदम पर शोषण करता है बाजारवाद?






रबी की फसल मतलब आलू, गन्ना, गेहूं, जौ, सरसों, मसूर, खेसारी, बूट आदि फसलों की बुवाई की जाती है। जिसके लिए डीएपी (DAP) खाद की आवश्यकता होती है, और डीएपी (DAP) का पूरे देश में किल्लत चल रही है। और हमारे सभी किसान उससे परेशान हैं, परन्तु जितनी कमी दिख रही है अभी भी डीएपी (DAP) की उतनी कमी नहीं है। फिर भी इसके विकल्प पर हम प्रकाश डालते हैं।

डीएपी ( DAP) का फूल फॉर्म होता है डायअमोनियम फास्फेट (Di_Ammonium_Phosphate) जिसका रासायनिक सूत्र (Chemical Formula) होता है (NH4)2HPO4। और इसमें मुख्य रूप से दो तत्व मौजूद (Element) होता है। जिसमे से एक नाइट्रोजन (N) और दूसरा फॉस्फोरस (P) है।

आपने डीएपी खाद के कट्टों पर 18:46:0 लिखा देखा होगा तो इसका मतलब होता है कि इस खाद के कट्टे में 18 प्रतिशत नाइट्रोजन (N) और 46 प्रतिशत फॉस्फेट (P2O5) होता है। अगर हम वजन के हिसाब से देखा जाए तो एक 50 किलोग्राम के डीएपी खाद के कट्टे में केवल 9 किलो नाइट्रोजन, और 23 किलो फॉस्फेट होता है। और हमारे अनुभवी किसान भाई यूरिया और सिंगल सुपर फॉस्फेट के खाद को अच्छी तरह जाते हैं।




आपने देखा होगा कि 45 किलोग्राम के यूरिया के कट्टे पर 46% प्रतिशत N (नाइट्रोजन) लिखा होता है, तो इसका मतलब होता है कि इस कट्टे में जो खाद है उसमें 46 प्रतिशत नाइट्रोजन है। अगर हम वजन के हिसाब से देखे तो 23 किलो नाइट्रोजन एक 45 किलो के यूरिया के कट्टे में होता है।

सिंगल सुपर फॉस्फेट के 50 किलोग्राम के कट्टे में भी लगभग 16 प्रतिशत फॉस्फेट, 18 से 20 प्रतिशत कैल्शियम एवं 11 प्रतिशत सल्फर होता है। यानी कि 50 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट के कट्टे में 8 किलो फॉस्फेट होता है, 9 से 10 किलो कैल्शियम एवं 5.5 के लगभग सल्फर होता है।

अगर हम तीन कट्टे सिंगल सुपर फॉस्फेट के लेते है जिसमें लगभग 24 किलो फॉस्फेट जोकि एक डीएपी के कट्टे में मिलने वाले 23 किलोग्राम फॉस्फेट के बराबर हो जायेगा और 20 किलो यूरिया जिसमे हमें लगभग 9 किलो नाइट्रोजन के बराबर हो जायेगा।

ये कुल मिलाकर DAP से थोड़ा महंगा पड़ सकता है, लगभग 100 या 200 रुपए, लेकिन ध्यान रखें इसमें सल्फर और कैल्शियम भी डीएपी से अलग से होगा और आप परेशानी से बचेंगे, और रात को लाइन में भी नहीं लगना पड़ेगा और किसी के हाथ पैर भी नहीं पकड़ने पड़ेगे।




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